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दिनों और महीनों के नाम संस्कृत में ।

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दिनों और महीनों के नाम संस्कृत में  वासराणां नामानि मासानां नामानि         दिनों  के नाम              रविवार              –      रविवासर: सोमवार           –          सोमवासर : मंगलवार         –         मङ्गलवासर:‌‌‌ बुधवार           –        बुधवासर: बृहस्पतिवार     –       बृहस्पतिवासर: शुक्रवार              –     शुक्रवासर:   शनिवार           –      शनिवासर:     महिनों के नाम    चैत्र     –        चैत्रमास: बैशाख     –      बैशाखमास: ज्येष्ठ          –     ज्येष्ठम...

सुभाषितरत्नानि ( अनमोल वचन )

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                  सुभाषितरत्नानि ( अनमोल वचन) भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती  । तस्या हि मधुरं काव्यं तस्मादपि सुभाषितम्।। #  भाषाओं में मुख्य ,मधुर, दिव्य संस्कृत भारती (संस्कृत भाषा ) है । उसमे भी मधुर उसका काव्य ( कविताएं ) हैं । उससे भी मधुर उसके सुभाषित ( सुन्दर बोले गए वाचन ) हैं ।   विद्या विवादाय धनम् मदाय शक्तिः परेषां परिपीडनाय । खलस्य साधो: विपरीतमेतज्ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय ।। # दुष्टों की विद्या विवाद के लिए ,धन नशे के  लिए और शक्ति दूसरों को पीड़ित करने के लिए होती है । सहसा विदधीत न क्रियामविवेक: परमापदां   पदम् । वृणुते हि विमृष्यकारिणं गुणलुब्धा: स्वमेव सम्पद:।। # अचानक जानकर कार्य नहीं करना चाहिए , वह अत्यंत आपदा का स्थान होता है। सम्पत्ति स्वयं ही ऐसे गुणशाली व्यक्तियों  के गुणों को सुनकर उनका वरण करती है ।अर्थात स्वतः ही उनके पास चली जाती है । निन्दन्तु नीतिनिपुण: यदि वा स्तुवन्तु लक्ष्मी: समाविशतु गच्छतु वा  यथेष्टम्। अद्यैव वा मरणमस्तु  युगान्तरे वा   न्याय्...

महान नाटककार भास

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    महान  नाटककार  भास    भास का समय 450 ईसा पूर्व के लगभग मानना उचित है । यह कालिदास से पूर्ववर्ती हैं ।कालिदास ने मालविकाग्नमित्र की प्रस्तावना में भास का नाम बहुत आदरपूर्वक लिया है ।                      कृतित्व  भास के नाम से संप्रति 13 नाटक उपलब्ध होते हैं । सन् 1909 ई ० में महोमहोपाध्याय श्री टी० गणपति शास्त्री ने ट्रावनकोर राज्य से इन्हें प्राप्त किया था ।         भास के 13 नाटक  भास के नाटकों को कथा स्त्रोत की दृष्टि से चार भागों में बांटा जा सकता है – ( क) उदयन कथा मूलक – 1. प्रतिज्ञा यौगन्धरायण        2. स्वप्नवासवदत्ता (ख ) महाभारत मूलक –3.ऊरुभंग    4. दूतवाक्य   5. पंचरात्र                                 6. बालचरित   7. दूतघटोत्कच        8. कर्णभार   9. मध्यम व्यायोग  (ग) रामायण मूलक – 10.प्रति...