विशाखदत्त/vishakhdatt :परिचय और कृतित्व
विशाखदत्त /vishakhdatt परिचय और कृतित्व चाणक्य उक्ति (मुद्राराक्षस –1/26 ) एका केवमर्थसाधनविधौ सेनाशतेभ्योअधिका । नन्दोन्मूलनदृष्टवीर्यमहिमा बुद्धिस्तु मा गान्मम। । समय – 400 ईसवी के लगभग विशाखदत्त चन्द्रगुप्त द्वितीय के समकालीन थे । पिता – महाराज पृथु पितामह – सामंत बटेश्वरदत्त कृतित्व रचना – मुद्राराक्षस रुपक भेद – नाटक अंक –7 अंक नायक – चाणक्य ...
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