अश्वघोष /Ashvghosh :अश्वघोष कवि का परिचय एवं रचनाएं

  अश्वघोष /Ashvghosh अश्वघोष कवि का परिचय               एवं रचनाएं 

        
       
 समयप्रथम शताब्दी ईसा पूर्व 
  • यह कनिष्क के समकालीन थे ।यह कालिदास से परवर्ती हैं।

       माता  – सुवर्णाक्षी
  • यह एक बौद्ध भिक्षु था


अश्वघोष के मुख्य रूप से तीन काव्यग्रंथ हैं

.बुद्धचरितम्– यह एक महाकाव्य है ।
  • इसमें  कुल 28 सर्ग हैं ।संस्कृत  भाषा में प्रारम्भ से लेकर 14 सर्ग तक ही प्राप्त होते  हैं ।इसमें बुद्ध के जीवन चरित तथा उनके सिद्धांतों का वर्णन है ।

2.सौन्दरानन्द – यह इनका दूसरा महाकाव्य है ।
  • इसमें कुल 18 सर्ग हैं ।इसमें नायक नंद और नायिका सुंदरी  की कथा वर्णित है ।

3.शारिपुत्र प्रकरण –पूरा नाम शारद्वती प्रकरण ।
  • यह प्रकरण नाटक हैं ।इसमें  9 अंक हैं ।

शैली – कालिदास की ही भांति अश्वघोष भी  वैदर्भी रीति के कवि हैं ।


जयतु संस्कृतम्–  पठतु संस्कृतम्

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