महाकवि शूद्रक का परिचय :Introduction of great poet Shudrak

 महाकवि शूद्रक का परिचय

 Introduction of

  Great Poet

                

         समय   प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व 
  • यह कालिदास से पूर्ववर्ती व भास से परवर्ती हैं ।
  • शूद्रक राजा विक्रमादित्य से 27 वर्ष पूर्व हुए ।
  •  कालिदास विक्रमादित्य के समकालीन थे ।


        वास्तविक नाम –इनका वास्तविक नाम शिमुक था

                 कृतित्व 


  • इनकी एकमात्र कृति मृच्छकटिकम् है
             विधा  – प्रकरण 
  • यह एक प्रकरण ग्रंथ है ।इसमें 10 अंक हैं ।।यह भास के चारुदत्त नाटक पर आधारित है ।

नाटक के दसों अंको‌ के नाम 

 अंकों के नाम श्लोकों की संख्या 
 1.अलंकार न्यास      58
 2.द्यूतकर संवाहक      20
 3.संधि विच्छेद      30
 4. मदनिका शर्विलक       33
 5.दुर्दिन      52
 6. प्रवहण विपर्यय      27
 7.आर्यका अपहरण       9
 8.वसंतसेना मोटन 
      47
 9.व्यवहार (न्यायालय)        43
 10. संहार (उपसंहार )
        61
 कुल 380 श्लोोक


       नायकचारूदत्त ,धीरप्रशान्त
     नायिकावसंतसेना , प्रगल्भा नायिका      
   चारुदात्त की पत्नी – द्यूता
               पुत्र – रोहसेन
           विदूषक –  मैत्रेय

            शैली 

शूद्रक भी कालिदास की ही भांति वैदर्भी   रीति के कवि हैं ।  
     

    जयतु संस्कृतम् –पठतु  संस्कृतम्

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